Bhabhi xxx Story

हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “दोस्त की भाभी को छत पर चोदा – Bhabhi xxx Story “ यह कहानी रेयांश की है आगे की कहानी आपको अनुराधा बताएंगी मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी|

मेरा नाम रेयांश है. मैं बिहार से हूं.

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आदमी हमेशा ही औरत को सेक्स के नजर से देखता है.
कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ, जब मुझे ट्विंकल भाभी मिलीं.
पहली ही नजर में भाभी मुझे लंड के नीचे लेने लायक माल लगीं.

मेरा दोस्त मेरे घर के करीब ही रहता है.
मैं अक्सर उसके घर जाया करता था.

उसकी मम्मी चल नहीं सकती थीं, तो वह एक कमरे में लेटी रहती थीं.

उसके बड़े भइया किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे. उसी सिलसिले में वे ज्यादातर बाहर ही रहते थे.
भाभी घर में अकेली रहती थीं और गोपाल अक्सर अपनी भाभी को छुप छुप कर देख कर लेता था.

जब भी गोपाल मेरे पास होता तो ट्विंकल भाभी के कोमल बदन की तारीफ करता.
लेकिन उसकी भाभी को ये सब नहीं पता था.

एक दिन जब मैं गोपाल के घर गया था तो वह घर पर नहीं था.

मैंने आंटी से पूछा- गोपाल किधर है?
उन्होंने कहा- छत पर हो सकता है. तू जाकर देख ले.

उसके घर की बिल्डिंग दो मंजिल थी. मोहल्ले में सबसे ऊंची बिल्डिंग थी.

अगर ऊपर छत पर कोई कुछ करे तो आजू बाजू रहने वाले इंसान को कुछ भी न पता लगे.
अब जैसे ही मैं छत पर आया मैंने देखा कि ट्विंकल भाभी कपड़े सुखा रही हैं.

लेकिन मैंने देखा कि भाभी बाल्टी में जो कपड़े सुखाने लाई थीं, उन कपड़ों में ज्यादातर पैंटी थीं.
बाकी के दूसरे कपड़े एक दो ही थे.

मैंने उनसे पूछा- भाभी, गोपाल कहां है?
वो बोलीं- गया होगा बाहर कहीं. क्यों कोई जरूरी काम था क्या?

मैंने बोला- ऐसा कुछ नहीं, मैं उसके पास बस यूं ही मिलने आया था.
उन्होंने बोला- बस उसी की चिंता है तुझे … मेरी भी हेल्प कर दे जरा कपड़े सुखाने में!

मैंने कहा- हां क्यों नहीं भाभी, बताओ क्या करना है?
उन्होंने कहा- बाल्टी में से कपड़े निकाल कर दे दो मुझे.

मैंने एक एक करके कपड़े निकाल कर दिए लेकिन अभी भी बाल्टी में 3-4 पैंटी और थीं.
तो मैंने शर्मवश उनको वो नहीं पकड़ाईं.
उनकी जगह और कपड़े दे दिए.

जब बाल्टी में सिर्फ पैंटी बची रहीं तो उन्होंने पूछा- और तो कुछ नहीं बचा बाल्टी में?
मैंने कहा- हां हैं, वो आप खुद से ले लो.

उन्होंने बोला- क्यों ऐसा क्या है. कपड़े ही तो हैं, उठा देगा तो गंदा नहीं हो जाएगा.
मैंने कहा- मगर भाभी …

उन्होंने बोला- अगर मगर कुछ नहीं, जो बोला है, उतना कर.
मैंने उनको पैंटी उठा कर दे दी.

जैसे ही पैंटी उन्हें दी.
वो मुस्कुरा दीं. Bhabhi xxx Story

मैं समझ गया कि उनके मन में भी कुछ तो चल रहा है.
इसलिए मैंने उनसे पूछ लिया- भाभी क्या ये सारी पैंटी आपकी हैं?

उन्होंने बोला- हां, तो क्या हुआ तुझे?
मैंने कहा- इतनी का क्या करती हो? कब से नहीं धोई थीं आपने?

वो कड़क आवाज में बोलीं- तू ये सब मत पूछ!
मैं डर गया और नीचे जाने लगा.

उन्होंने कहा- क्या हुआ … रुक तो. हवा अच्छी चल रही है.

मेरा इधर बैठने का मन है, लेकिन छत पर बंदर आ जाते हैं और मुझे कपड़े भी सुखाने हैं.

तू यहीं मेरे साथ बैठ जा न!
मैंने कहा- मुझे घर जाना है.

भाभी बोलीं- घर जाकर कौन सा तुझे रोटी बेलनी हैं.
मुझे हंसी आ गई और मैंने हंसते हुए कहा- ठीक है भाभी, मैं यहीं बैठ जाता हूँ.

फिर उन्होंने कहा- तूने मेरी पैंटी के बारे में ये क्यों पूछा?
मैंने कहा- अब इतनी सारी एक साथ टांगोगी, कुछ तो लगेगा न!

उन्होंने कहा- तुझे क्या लगा?
मैं चुप हो गया.

वो बोलीं कि गोपाल के भईया दो दो महीने बाहर रहते हैं और मैं खुद को अकेला महसूस करती हूं,

तो फोन पर बात करती हूं उनसे … और वो रोज मुझे फोन पर सेक्स करके गीला कर देते हैं.
मैंने बोला- ऐसे कैसे हो सकता है. फोन पर सेक्स?

उन्होंने कहा- हां तू तो बड़ा भोला है …Bhabhi xxx Story

जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं है. ज्यादा बन मत.
मैंने कहा- भाभी, मुझे सच में नहीं पता,

मैंने आज तक सेक्स किया ही नहीं.

बस वीडियो देखता हूं तो अचानक मेरे लंड में कुछ कुछ होने लगता है.

अचानक से मेरे मुँह से लंड सुनने पर भाभी बोलीं- ये क्या बोला तूने?
मैं चुप हो गया.

उन्होंने कहा- अरे बोल दे … यहां हम दोनों के अलावा कोई नहीं सुनेगा.
मैं चुप रहा. Bhabhi xxx Story

उन्होंने फिर से पूछा- तो क्या तू अपना लंड हिलाता है?
मैंने बोला- हां, जब वीडियो देखता हूं तब!

वो बोलीं- क्या देखा वीडियो में तूने?
मैंने कहा- जब लंड तेजी से अन्दर जाता है, तब लड़की को मजा आता है और वो बहुत मजे से लेती है.

भाभी बोलीं- अच्छा … तुझे तो बहुत कुछ पता है. क्या क्या अच्छा लगता है तुझे … तू मुझे सब बता?
मैंने कहा- मुझे वीडियो में लड़की के चूचो देखना बहुत अच्छा लगता है और जब लड़का उसके चूचो पर अपना लंड लगाता है

… तो और भी अच्छा लगता है. काश मैं भी लगा पाता.

उन्होंने कहा- तू भी लगा सकता है … लेकिन किसी को पता नहीं लगना चाहिए.
अचानक से भाभी के मुँह से ये सुनकर मैं खुश हो गया.

मैं भाभी से पूछा- क्या मतलब है आपका?
उन्होंने बोला- मैं भी बहुत प्यासी हूं.

दो महीने से गोपाल के भाई ने मुझे नहीं चोदा है.

उनसे बात करके मेरी पैंटी रोज भीग जाती है और मुझे अन्दर उंगली डालना पसंद नहीं है.

मैंने कहा- तो क्या आप मुझसे सेक्स करोगी?
वो बोलीं- क्यों, तुझे नहीं करना क्या?
मैं बोला- मेरा तो कबसे मन है आपको पकड़ कर चोदने का … लेकिन हिम्मत नहीं होती थी.

उन्होंने कहा- अब तू चोद सकता है. जल्दी से छत का दरवाजा बंद कर आ.

मैं झट से दरवाजा बंद करके आया और भाभी को छत पर ही गिरा लिया. मैं भी उनके ऊपर गिर गया.
उनके मम्मों को मैं शर्ट के ऊपर से ही दबा रहा था.

मेरे हाथ उनके मम्मों को मसल रहे थे और उनके मुँह से आन्हें निकलने लगी थीं ‘इस्स … आराम से कर न.’

मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों से मिला दिया और उनके होंठों को कसके चूसने लगा.
कभी उनके होंठों को दांतों से खींचता तो कभी काटता, कभी उनकी जीभ को चूसता.

मेरा हाथ उनके मम्मों को मसलते हुए मस्ती कर रहा था.
इसी बीच कब उनका सूट निकल गया, कुछ पता ही नहीं चला.

मैं उनके होंठों में खो गया था. Bhabhi xxx Story
मैंने जल्दी से उनकी ब्रा निकाल दी.

जैसे ही उनके मम्मों को मैंने सामने से देखा, मेरी आंखों में चमक आ गई.
मेरे सामने एकदम गोरे सफेद चूचो 36 साइज के थिरक रहे थे.
ऐसा लगा अभी तक उनको किसी ने नहीं छुआ हो.

सब्र नहीं कर पाया मैं … और मैंने उनके एक मम्मे को मुँह में भर लिया.
मैं कस कसके उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था.

उनकी मादक सिसकारियां मुझे और ज्यादा कामोत्तेजित करती जा रही थीं.

उन्होंने मेरा सर अपने मम्मों पर दबा लिया.
मैं और तेजी से उनके चूचो को मसलने लगा.

उनके मुँह से निकल रहा था- आह इस्स … आह क्या कर रहे हो … आराम से करो ना … मैं भागी थोड़ी जा रही हूं.
वो मेरा लंड मेरे लोअर से बाहर निकालने लगी थीं.

लोअर के ऊपर से ही भाभी ने अपना हाथ Big Dick पर लगाया और मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ गया था.

फिर भाभी ने मेरे लोअर को नीचे सरका दिया और मेरा लंड को कसके पकड़ कर उसे खींच लिया; अपनी मुट्ठी में लंड पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगीं.
मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

एक तरफ उनके हाथों में मेरा लंड और उनके चूचो मेरे मुँह में.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, वीडियो में लड़की लंड को चूसती है. क्या आपने ये किया है?

वो बोलीं- पागल है क्या … ऐसा नहीं होता!
मैंने तुरंत ही एक वीडियो अपने फोन में लगा कर भाभी को दिखाया.

भाभी को देख कर कुछ बुरा लगा लेकिन वो मेरे लंड की तरफ मुँह करके 69 में लेट गईं.
जैसे ही वो लेटीं, मैंने उनकी सलवार खींच दी.
उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
उनकी बिल्कुल चिकनी चूत थी.

उन्होंने झांटों को साफ कर रखा था क्योंकि भैया वीडियो कॉल करके उनकी चूत देखते थे.
जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को मुँह में लिया, मैंने भी तुरंत ही उनकी चूत की फांकों में जीभ घुसा दी.

वो एकदम से बहुत तेज़ आवाज़ निकाल कर कराहीं- आह मर गई ओह आराम से … आह खा जाओगे क्या?
मैंने कहा- हां खाना ही है मुझे!

वो गप गप करके मेरा लंड चूस रही थीं.
मैं सातवें आसमान पर था. उनकी चूत से आती खुशबू मुझे पागल कर रही थी.

उनकी चूत में मैं उंगली डालकर चूसने लगा. उनकी चूत से रस टपकने लगा. टाइट चूत से जितना भी रस बाहर आ रहा था, मैं सब चाटता जा रहा था.

कुछ ही देर में भाभी की चूत दुबारा से गर्म हो गई.

वो अब मुझसे चुदाई की कहने लगीं.
मैंने भी सीधे होकर भाभी की दोनों टांगों को अपने पैरों से दबाया और उनकी चूत पर अपना लंड लगा दिया.

उनकी चूत के होंठों को मैंने अपने लंड से खोला और उन्हें गुदगुदाने लगा.
उनकी मदभरी सिसकारियां अभी भी निकल रही थीं.

मैंने धक्का दिया तो मेरे लंड का आगे का भाग उनकी चूत में समा गया.
वो आह करके मचलीं कि तभी मैंने फिर से उनकी चूत में प्रहार किया.

मैंने अपने लंड को कसके धक्का लगा दिया जिससे उनकी चूत चिर गई.
मेरा लंड उनकी चूत की गहराई में चला गया.

वो चिल्लाती रहीं और मैं उन्हें चोदता रहा.
उनकी चूत में मैं लगातार धक्का लगाता रहा.

कुछ देर बाद उन्हें मजा आने लगा और वो बोलीं- मुझे इतना मजा कभी नहीं आया … गोपाल के भाई कॉल पर ही चोदते हैं. लेकिन असल में उनसे कुछ ठीक से नहीं होता. तुमने मेरा दिल खुश कर दिया मेरी जान!

मैं बोला- आपने भी मेरे लंड को खुश कर दिया.

यह कह कर मैंने उनकी चूची के निप्पल को दांत से खींच दिया.
वो आह करके मुझे प्यार करने लगीं.

मेरे मुँह से उम्म अम्म्म उम्म्म की आवाजें और चूचो चूसने की आवाजें निकल रही थीं.
नीचे मेरे लंड ने भी फुल स्पीड पकड़ ली थी.

मैं पहली बार किसी भाभी को चोद रहा था.
जैसे ही मैं अपना लंड से उनकी चूत को धक्का लगाता, तो मुझे ऐसा लगता कि मेरा लंड उनके पेट में समा जाएगा.

उनकी मादक सिसकारियां ‘अम्म्म्म यस उम्मम्म अम्म्म चोदो आह और चोदो …’ रुक ही नहीं रही थीं.
मैं बिना रुके उनके मम्मों को चूस रहा था.

उधर उनके पैर अकड़ने लगे थे शायद उनका रस निकल गया था. Bhabhi xxx Story

मैंने स्पीड और बढ़ा दी, जिससे मेरा सारा रस भाभी की चूत में जा गिरा.

उन्होंने मेरे लंड के रस को अपनी चूत में महसूस किया.
उसके बाद उन्होंने बोला- आह मजा आ गया. मगर चूत में माल नहीं छोड़ना था.
मैंने कहा- दवा ला दूँगा.

फ्रेंड भाभी ने हंस कर मुझे चूम लिया.

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