हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “कंप्यूटर सीखने के बहाने दोस्त की माँ को गोदी में बैठाया-dost mom xxx“ यह कहानी विक्की की है आगे की कहानी आपको अनुराधा बताएंगी मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी|
नमस्ते मेरे दोस्तो, और कैसे हो आप सब?
मैं, वो पागल चुदक्कड़, एक बार फिर आपके लिए एक और नई कहानी लेकर आया हूँ।
सबसे पहले, मैं आप सबको अपना परिचय दे दूँ।
मैं भोपाल के राजगढ़ शहर में रहता हूँ और मेरी उम्र 24 साल है। मेरी लंबाई 6.5 फीट है और मेरा फिगर 37-31-39 है।
आज मैं जो कहानी आप सबको सुनाने जा रहा हूँ, वो एक सच्ची कहानी है (dost mom xxx)
और लगभग एक साल पहले की है।
मेरा एक दोस्त है जिसका नाम कुनाल चुतमारे है, और कुनाल चुतमारे और मैं बहुत अच्छे दोस्त हैं।
हम हर तरह की बातें करते हैं और बातें करते हैं।
दोस्तो, मैं कुनाल चुतमारे के घर पहले कभी नहीं गया था, क्योंकि उसका घर मेरे घर से बहुत दूर है
और उसके घर के आस-पास ज़्यादा घर नहीं हैं, इसलिए उसका घर थोड़ा सुनसान इलाके में है।
लड़कियाँ बहुत ही कमाल की चुदक्कड़ होती हैं, दोस्तो।
एक दिन कुनाल चुटमारे का 21वाँ जन्मदिन था, इसलिए उसने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी थी।
उसने मुझे आने के लिए कहा। (dost mom xxx)
तो मैं रात करीब 8 बजे उसके घर पहुँचा।
मेरे पहुँचते ही, वह मुझे देखकर बहुत खुश हुआ और मुझे सोफ़े पर बैठने को कहा।
मैं सोफ़े पर बैठ गया, और तभी उसकी माँ मेरे लिए पानी ले आई।
मैं सेक्स का बहुत बड़ा शौकीन हूँ, और मुझे औंटीओ को चोदना बहुत पसंद है।
मेरे प्यारे दोस्तों, उनके चूचेों को चूसना एक अलग ही अनुभव है।
उनकी उम्र लगभग 44 साल रही होगी, लेकिन वो देखने में 27 साल की लगती थी।
वो बहुत प्यारी थी।
वो हमेशा अपनी साड़ी नाभि से नीचे पहनती थी, और उनकी नाभि बहुत गहरी और चौड़ी थी।
उनके चूचे भी बहुत बड़े और बिल्कुल गोल थे।
उनकी आँखें मादकता से कामुक थीं, और उनके होंठ गुलाबी और मुलायम थे, किसी का भी उन्हें चूमने का मन कर जाए।
वो बिल्कुल ऐसे ही थे, और मैं उन्हें देखता ही रह गया।
अगर इस कहानी को पढ़कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ, तो बताइए, हो जाएगा।
दोस्तों, सेक्स के बाद सुस्ती सी महसूस होती है। (dost mom xxx)
वो मुझसे बहुत प्यार से बात कर रही थी, हँसी-मज़ाक कर रही थी, और ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे बहुत समय से जानती हो या मैं उससे पहले कई बार मिल चुका हूँ।
उनका व्यवहार मेरे लिए बहुत अच्छा था, और वो बहुत खुले विचारों वाली, खुशमिजाज़ महिला थी।
इसलिए पहली मुलाक़ात में ही मैं उनकी तरफ़ आकर्षित हो गया था।
अब मैं मन ही मन सोच रहा था कि कुनाल चुटमारे के घर दोबारा कैसे आऊँ।
तभी मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया, जिसे सोचकर मैं बहुत खुश हुआ।
क्या बताऊँ दोस्तों, उसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।
दोस्तों, मैंने कई भाभियों को चोदा है।
फिर अगले दिन जब कुनाल चुटमारे मुझे कंप्यूटर क्लास में मिले,
तो मैंने कहा, “कुनाल चुटमारे, मेरे घर पर कंप्यूटर नहीं है। (dost mom xxx)
क्या मैं तुम्हारा कंप्यूटर इस्तेमाल कर सकता हूँ?
अगर तुम्हें कोई आपत्ति न हो और तुम मुझे इजाज़त दो, तो मैं तुम्हारे घर आ सकता हूँ।”
वरना मुझे किसी और से बात करनी पड़ेगी, और शायद मुझे क्लास भी अटेंड करनी पड़ेगी।
कुनाल चुटमारे मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हुए और बोले, “क्यों नहीं? हम बहुत अच्छे दोस्त हैं।
तुम मेरा सारा सामान इस्तेमाल कर सकते हो; मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी।
अगर तुम मेरे घर आओगे तो मुझे बहुत खुशी होगी, और मैं तुम्हारे साथ अपनी पढ़ाई और बाकी कामों पर ध्यान दे पाऊँगा।”
उसका ये जवाब सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने उनका बहुत शुक्रिया अदा किया।
और अब मैं उनकी माँ के साथ वो सब करने के सपने देखने लगा और अगले दिन मैं बहुत खुश होकर कुनाल चूतमारे के घर पहुँच गया। (dost mom xxx)
वो उस समय इंटरनेट पर एक सेक्सी फिल्म देख रहा था और मैं भी उसके साथ शामिल हो गया, तभी मैंने देखा
कि उसमें एक बहुत ही खूबसूरत पूरी नंगी लड़की दिखाई दी,
उस लड़की को देखकर मैंने तुरंत उससे कहा कि ये बिल्कुल तुम्हारी माँ जैसी दिखती है, तो कुनाल चूतमारे ने कहा कि हाँ, लेकिन उसके चूचे आकार में थोड़े छोटे हैं, मेरी माँ के बहुत बड़े हैं।
अब सुनो चुदाई की असली कहानी (dost mom xxx)
दोस्तों, चोदते-चोदते मेरा लंड तन गया।
ये सुनकर मैं तुरंत समझ गया कि कुनाल चूतमारे भी अपनी माँ को अपनी गंदी कामुक इच्छाओं से देखता है।
थोड़ी देर बाद कुनाल चूतमारे की माँ सीमा लंडोर आ गई।
वो उस समय कहीं बाहर गई हुई थी।
हमने तुरंत इंटरनेट बंद कर दिया।
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो सीमा लंडोर आज कमाल की लग रही थी।
कुनाल चुटमारे रोज़ अपनी माँ को कपड़े बदलते देखता था।
जब सीमा लंढोर दूसरे कमरे में कपड़े बदलने गईं, तो कुनाल चुटमारे मेरे पास से उठकर उस छोटी सी खिड़की से अपनी माँ को कपड़े बदलते देखने चला गया।
वहाँ का माहौल बहुत अच्छा था, मेरे दोस्त।
अब मैं उसे इधर-उधर ढूँढ़ने लगा, तो मैंने देखा कि उसने मेज़ के नीचे एक मेज़ रख दी थी और उस पर खड़ा होकर खिड़की से अंदर देख रहा था।
वहाँ एक अद्भुत सुंदरता थी, मेरे दोस्त। (dost mom xxx)
मैंने उससे पूछा, “क्या देख रहे हो?”
फिर उसने मुझे चुप कराया और मुझे मेज़ पर आने को कहा।
मैं जल्दी से मेज़ के ऊपर चढ़ गया और खिड़की से अंदर देखने लगा।
सबसे पहले, सीमा लंढोर ने अपनी साड़ी उतार दी, और वो ब्लाउज़ और पेटीकोट में खड़ी रह गईं।
उनके Big boobs, जो मुश्किल से ब्लाउज़ में समा रहे थे, ऊपर से बाहर निकल रहे थे।
इसी बीच, उन्होंने अपना ब्लाउज़ भी उतार दिया।
वाह, क्या गोरा बदन था उसका! ये नज़ारा देखकर मेरा लंड तन गया।
उन्होंने लाल ब्रा पहनी हुई थी। (dost mom xxx)
मेरे दोस्त मुझे चोदने में इतने मशगूल थे, उनकी चूत इतनी टाइट थी कि उसने अपना पेटीकोट भी उतार दिया।
वाह, क्या खूबसूरत जांघें थीं उनकी, इतनी गोरी और भरी हुई।
मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं क्या देख रहा हूँ, और वो भी अपने दोस्त के साथ, उसके ही घर में, उनकी अपनी माँ का गोरा, सेक्सी बदन।
अब वो शीशे में देखकर अपने चुचो देखने लगी,
और वो अपने चुचो देखकर मुस्कुरा रही थी,
और फिर वो अपनी ब्रा का स्ट्रैप एडजस्ट करने लगी
और अपनी पैंटी में उंगली डालकर उसे एडजस्ट करने लगी, और ब्रा और पैंटी को थोड़ा ऊपर-नीचे करने के बाद सीमा लंडोरे ने गाउन पहन लिया।
तब तक हम दोनों उस टेबल से उतरकर फिर से कंप्यूटर पर जाकर बैठ गए।
ऐसे माहौल में कौन नहीं रहना चाहेगा, मेरे दोस्त?
दोस्त कुनाल चुटमारे उस समय प्री-मेडिकल टेस्ट की तैयारी कर रहा था, इसलिए वो कंप्यूटर पर कम बैठता था
क्योंकि कंप्यूटर उसके काम का नहीं था, लेकिन मैं उससे ज़्यादा कंप्यूटर इस्तेमाल करता था। (dost mom xxx)
दोस्तों, एक दिन मैं कंप्यूटर पर बैठकर अपना काम कर रहा था, तभी कुनाल चुटमारे की माँ हमारे लिए चाय लेकर आईं
और बोलीं कि मैं भी कंप्यूटर सीखना चाहती हूँ, मैं तो बहुत दिनों से कंप्यूटर सीखना चाहती हूँ,
पर यहाँ मुझे सिखाने वाला कोई नहीं है,
मैंने ये बात अपने बेटे को कई बार बताई, पर वो हमेशा अनसुना कर देता है।
तो मैंने उससे कहा कि इसमें क्या खास बात है,
अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें सिखा दूँ।
फिर सीमा लंढोर ने खुशी से मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि हम कल से अपनी क्लास शुरू करेंगे
और आज मेरा थोड़ा ज़्यादा काम है। (dost mom xxx)
मैं भी मन ही मन बहुत खुश हुआ और कहा, “ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी।”
मैं पूरी रात सो नहीं पाया,
अगले दिन सीमा लंढोर को मुझसे जो कंप्यूटर सीखना था,
उसके बारे में सोचता रहा।
उसके बारे में सोचते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
पूरी रात उसे चोदने के ख्याल मेरे मन में आते रहे।
अगले दिन, मैंने एक टाइट टी-शर्ट पहनी और परफ्यूम लगाया।
हमेशा की तरह, मैं कुनाल चुटमारे के घर उसके आने से पहले पहुँच गया।
मैंने देखा कि सीमा लंढोर ने स्लीवलेस गाउन पहना हुआ था।
उन्होंने मेरे बगल में एक कुर्सी रखी और उस पर बैठ गई। (dost mom xxx)
मैंने कंप्यूटर माउस उनकी तरफ़ कर दिया ताकि मैं जानबूझकर उसके चूचेों को छू सकूँ और हाथ आगे-पीछे कर सकूँ।
ओह, वो कितनी हॉट है; उनकी चूत की तो बात ही कुछ और है।
मैं उन्हें कंप्यूटर के सारे पार्ट्स दिखा रहा था और समझा रहा था कि इसे ‘बोर्ड’ क्या कहते हैं।
बाद में, माउस छूते हुए, मैंने जानबूझकर अपना हाथ उसके चूचेों से छू लिया।
जैसे ही मेरी कोहनी उसके मुलायम चूचेों को छू गई, उन्होंने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया।
मैंने उससे कहा, “माफ़ करना आंटी, गलती हो गई।”
उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं।” मैंने पहले उससे पूछा कि माउस कैसे चलाते हैं, और इस वजह से मेरा हाथ बार-बार उसके चूचेों से छू रहा था।
वो पीछे नहीं हट रही थी, और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। (dost mom xxx)
अगले दिन, जब मैं अपने दोस्त के घर गया, तो पता चला कि कुनाल चुटमारे कहीं बाहर गया हुआ है।
तो, कुनाल चुटमारे की माँ और मैं घर पर अकेले थे।
मैं बहुत खुश था, क्योंकि अब मुझे किसी बात की चिंता नहीं थी।
मैंने उसे कीबोर्ड चलाना सिखाया, लेकिन उनकी उंगलियाँ ठीक से नहीं बैठ रही थीं।
मैंने कई बार कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी, और अब वो थक चुकी थी, इसलिए उन्होंने मुझसे कहा कि वो अब और कुछ नहीं कर सकती।
उनकी गांड तरबूज़ जैसी है, मतलब, क्या मस्त गांड है।
मैंने मौका देखकर उससे कहा, “मेरी गोद में बैठ जाओ।
फिर वो मेरी गोद में बैठ गई। (dost mom xxx)
मेरा लंड पहले से ही पूरी तरह से तना हुआ था,
लेकिन उनकी गांड में नहीं समा रहा था,
इसलिए मैंने उसे थोड़ा ऊपर होने को कहा। जैसे ही वो ऊपर हुई, मेरा लंड उनकी गांड के छेद में बिल्कुल फिट हो गया।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और शायद उसे भी अपनी गांड में मेरे लंड का अहसास अच्छा लग रहा था।
मैंने पूरे एक घंटे तक उसके चूचेों और गांड का भरपूर आनंद लिया।
उसके बाद, मैं घर लौट आया और उसके नाम पर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया।
फिर, अगले दिन, उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी, और उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।
मुझे तुरंत एहसास हुआ कि आंटी मुझे पसंद कर रही हैं।
जैसे ही वो मेरे पास आईं, वो सीधे आकर मेरी गोद में बैठ गईं।
कुनाल ये सब देख रहा था। (dost mom xxx)
जैसे ही वो मेरी गोद में बैठीं, मेरा लंड मेरी जींस में तन गया और उनकी गांड में बिल्कुल फिट हो गया।
मैं अब उनके बड़े चूचेों और निप्पलों को सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद, मुझे एहसास हुआ कि सीमा लंडोर के निप्पल पूरी तरह से सख्त हो गए थे
और उनकी टी-शर्ट के ऊपर से साफ़ दिखाई दे रहे थे।
दोस्तों, मैं पहले उनकी गांड मारना चाहता हूँ।
मैं उन्हें कई दिनों से चोदना चाहता था, दोस्तों।
अब मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघ पर रखा और अपना हाथ हिलाने लगा।
वो मुझसे कुछ नहीं कह रही थी, पर मुझे वो जींस पहनने में बहुत तकलीफ़ हो रही थी,
और वो ये बात अच्छी तरह समझ रही थी, इसलिए उसने मुझसे कहा कि अगर तुम्हें गर्मी लग रही है,
तो तुम कुनाल चूतमारे का ट्राउज़र पहन सकती हो।
मैंने तुरंत कहा हाँ, कोई बात नहीं। (dost mom xxx)
अब मैं जल्दी से खड़ा हो गया, वो मेरे पीछे आई और मुझे कुनाल चूतमारे का ट्राउज़र और एक टी-शर्ट भी दे दी।
मैंने उसके सामने अपनी शर्ट उतार दी, और वो इसी पल का इंतज़ार कर रही थी क्योंकि मैं रोज़ कसरत करता हूँ,
इसलिए मेरा शरीर और मेरी मांसपेशियाँ बहुत अच्छी शेप में थीं, और जैसे ही मैंने अपनी शर्ट उतारी, वो मेरे गठीले शरीर को देखती रह गई।
वो पास आई और मेरे सीने पर हाथ रखकर बोली,
“तुम्हारा शरीर कमाल का है।”
यार, तभी कुनाल चुटमारे ने उसे बुलाया, और मैं कपड़े बदलकर वापस चला गया।
सीमा लंडोर वहीं बैठी मेरा इंतज़ार कर रही थी।
अब वो भी मेरे साथ सेक्स के लिए तरस रही थी, और जैसे ही मैं कुर्सी पर बैठा, वो झट से मेरी गोद में बैठ गई।
कपड़े बदलते हुए मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया था,
ताकि मेरा लंड सीमा लंडोर की गांड को और साफ़ महसूस कर सके। (dost mom xxx)
अब मैं उनकी जांघ सहला रहा था और धीरे-धीरे उनकी स्कर्ट ऊपर उठा रहा था।
और जब तक मैं उसे चोद न लूँ, मुझे आराम नहीं मिलता।
तभी सीमा लंडोर ने मुझसे कहा, “अभी नहीं। अगर कुनाल चुटमारे अचानक यहाँ आ गया, तो वो हमें इस हालत में देख लेगा।”
उसके ऐसा कहते ही मैं तुरंत रुक गया। फिर, जब मैंने कुनाल चुटमारे की तरफ देखा, तो वो पढ़ाई के बहाने, अपने सामने किताब पकड़े हुए, हस्तमैथुन कर रहा था।
मैंने सीमा लंडोर की बात मान ली और रुक गया।
एक और बात, दोस्तों, पता नहीं क्यों, पर जब मैं किसी चूत को चोदता हूँ, तो मुझे नशा सा छा जाता है; मुझे बस सेक्स ही दिखाई देता है।
अगले दिन, उसके घर जाने से पहले, मैंने कुनाल चुटमारे को सब कुछ साफ़-साफ़ बता दिया, और वो समझ गया।
जब मैं उसके घर गया, तो कुनाल चुटमारे ने मुझे देखते ही अपनी माँ से झूठा बहाना बनाया कि वो 1 घंटे में वापस आ जाएगा, और फिर तुरंत चला गया।
दोस्तों, उसे देखकर तो वो बिल्कुल असली सेक्स वर्कर लग रही थी। (dost mom xxx)
दोस्तों, ये सुनकर सीमा लंडोरे बहुत खुश होकर मेरी गोद में आकर बैठ गई।
अब हम दोनों के सामने खुला मैदान था; घर में कोई हमें रोकने या देखने वाला नहीं था।
आज हम दोनों अपनी मर्ज़ी के मालिक थे और जो चाहें कर सकते थे; हमें किसी से डरने की ज़रूरत नहीं थी।
मैं जल्दी से आगे बढ़ा और उनकी टी-शर्ट ऊपर करके उनकी ब्रा के ऊपर से उसके चुचो को दबाने लगा और निप्पल दबाने लगा।
दोस्तो, कभी-कभी मुझे सिर्फ़ चूत देखने में ही मज़ा आ जाता है,
अब, सीमा लंडोर चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी।
वो उस पल का इंतज़ार कर रही थी, और उसने मुझसे कुछ नहीं कहा, बस सिसकियाँ लेती रही, और मैं अपना काम करता रहा।
मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी और फिर उनकी ब्रा। (dost mom xxx)
वाह, क्या शानदार चूचे थे, कितने मुलायम, गोरे और एकदम गोल-मटोल।
मैंने उन्हें ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया। मैं अपने लंड का इंतज़ार कर रहा था कि वो उसे चोदे, लेकिन ये बर्दाश्त से बाहर था।
अब मैं बिना चोदे नहीं रह सकता था।
दोस्तों, मैं पागल हो गया था।
फिर उसने कहा, “प्लीज़, आह्ह, थोड़ा धीरे करो, मेरे प्यारे।”
मैंने उसके चूचेों पर अपने हाथ ढीले कर दिए।
वाह, उसके क्या निप्पल थे, बिल्कुल लाल और अंगूर जैसे। (dost mom xxx)
वो पूरी तरह से सख्त हो गए थे, और अब मैंने उनकी स्कर्ट भी उतार दी। ओह ओह ओह, दोस्तों, मैं सोच रहा था, कब अपना लंड डालूँ?
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